आज के समय में यह प्रश्न असंगत है कि, ‘परमात्मा है या नहीं?’ अपने आप से प्रश्न करो कि, ‘दुनियाँ में दुःख है या नहीं?’ और, ‘मैं अपना और दूसरों का दुःख कैसे दूर कर सकता/सकती हूँ? इसके लिए मैं क्या कर सकता/सकती हूँ? -अम्माpic.twitter.com/GJlb0kFA8V

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