केवल मनुष्य ही बुरे कर्म कर सकता है – जाने या अनजाने में। इसलिये इन कर्मों के परिणाम के लिए ईश्‍वर पर दोषारोपण करना सर्वथा अनुचित है। फिर भी यदि हम अपने जीवन में आये तथाकथित बुरे अनुभवों का विश्लेषण करेंगे तो पायेंगे कि वे भी हमारे भले के लिये ही थे। – अम्मा

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