दीन-दुखियों को सांत्वना देने के लिए कोई ज़रुरु नहीं कि आप ऊँचे पद पर आसीन हो या बहुत धनवान हों। एक प्रेम भरा शब्द,एक करुणापूर्ण दृष्टि,सहायता के लिए बढ़ा हुआ हाथ..किसी की सहायता के के लिए इतना ही काफ़ी है।” – #अम्माpic.twitter.com/kYazb62N8t

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