आध्यात्मिकता अंधविश्वास पर आधारित नहीं है तथा इसके सिद्धांत खरे नहीं हैं। जैसे वैज्ञानिक बाहरी संसार की खोज करते हैं, हमारे ॠषि-मुनियों ने अपने मन की प्रयोगशाला में कई प्रयोग किये। इस दृष्टि से वे भी वैज्ञानिक थे। वास्तव में अध्यात्म का आधार अनुसंधान है, अपने अंदर की गहन खोज है।