क्या उत्सव मनाने के लिये कोई नया कारण चाहिये? हमारा अस्तित्व ही खुशी का पर्याप्त कारण है। इसके अलावा, पंछी, वृक्ष, आकाश, अनगिनत तारे, ये सब उल्लास से भर देने को पर्याप्त नहीं हैं?उसके स्थान पर हम अंत-हीन इच्छाओं के पीछे भागते रहते हैं और अंतत: थक-हार कर बेदम हो जाते हैं।

Source: chimes