शिक्षा के दो पहलू होने चाहियें। बाहरी विश्‍व का ज्ञान प्राप्त करना तथा आंतरिक जगत को समझना। इस दृष्टि से हमारी आज की शिक्षा-प्रणाली बेहद असंतुलित है। हम सारा जोर बाहरी ज्ञान पर दे रहे हैं तथा आंतरिक संसार की उपेक्षा कर रहे हैं।

Source: chimes