प्रेम, करुणा तथा दूसरों का खयाल रखना, हमारे पाठ्यक्रम का भाग बन जाना चाहिये। इन मूल्यों की केवल शिक्षा देना ही पर्याप्त नहीं है। इन्हें जीवन में अपनाकर आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिये। क्योंकि हमें पता हो या न हो, कोई न कोई, प्रेरणा पाने के लिये हमारी ओर देख रहा है।