यदि संसार में कहीं भी ऐसे नियम हो, जो नारी की समुचित स्वतंत्रता का हनन करते हैं और समाज में नारी की उन्नति में बाधक हो, तो वे नियम ईश्‍वर के आदेश नहीं, अपितु वे तो पुरुष-प्रधान समाज की ही स्वार्थ-पूर्ण उपज हैं।pic.twitter.com/vVWxChLhi9

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