विचारों एवं कार्यों में सूक्ष्मता एवं स्पष्टता के लिये, मननशील तथा अध्यात्म-परक होना चाहिए। अध्यात्म को जीवन से अलग मान लेना अज्ञान है। जैसे शरीर के लिये भोजन तथा विश्राम आवश्यक हो वैसे ही स्वस्थ मन के लिये आध्यात्मिकता आवश्यक है। -ǟʍʍǟpic.twitter.com/DIRcUVIwIq

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