ऐसा मत सोचो कि सिर्फ़ आँखें मूँद कर बैठने ही का नाम ध्यान है। मुस्कुराता हुआ चेहरा,भले शब्द,करुणापूर्ण दृष्टि,ये सब ध्यान के ही अंग हैं। -अम्माpic.twitter.com/1hnJQDsmJn

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