ध्यान द्वारा हमारे हृदयों को कारुणिक होना चाहिए। ऐसे ही ह्रदय में परमात्मा प्रतिबिम्बित हो सकता है! हम में दूसरों के दुःख को अनुभव करने और उनके दुःख को बांटने की योग्यता आनी चाहिए। -अम्माpic.twitter.com/tb29QRlvU8

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